महासमुंद। जिला अस्पताल में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में डिलीवरी कराने पहुंची गर्भवती महिला की नार्मल डिलवरी कराने डॉक्टरों की लापरवाही के चलते गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सुधा साहू के नेतृत्व में भाजयुमो पदाधिकारियों ने ड्यूटी डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मिलकर लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है, तथा चेतावनी दी है कि 7 दिवस के भीतर लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महिला मोर्चा द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती सुधा साहू ने बताया कि ग्राम खट्टी निवासी काजल मानिकपुरी को उसके परिजन मंगलवार को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इससे पूर्व परिजन उसे खट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे, जहां स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वहां से उसे जिला अस्पताल जाने की सलाह दी गई। बाद परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे।
जिला अस्पताल में परीक्षण के बाद ड्यूटी में तैनात डॉक्टर ने काजल के परिजनों से नॉर्मल डिलीवरी होने की बात कही। इस दौरान आरती लगातार प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं, परिजनों को भी नार्मल डिलीवरी के लिए इंतजार करने की बात कही। 5-6 घंटे तक लगातार प्रसव पीड़ा से तड़प रही काजल के साथ ड्यूटी में रही नर्सों द्वारा दुर्व्यवहार किया गया तथा मारपीट भी की गई। अंत में इनकी लापरवाही से गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। परिजनों को इसकी जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हंगामा करने पर यह कहा गया कि यहां लाने के पूर्व ही बच्चा पेट में मर गया था। परिजनों ने कहा कि जब बच्चा यहां लाने के पूर्व ही पेट में मर गया था, तो 5-6 घंटे तक नार्मल डिलीवरी कराने की बात डॉक्टर व नर्सों द्वारा क्यों कही जा रही थी, तथा 5-6 घंटों में इन्फेक्शन फैलने का डर रहता है तो आॅपरेशन करके बच्चे को निकाला क्यों नहीं गया। हंगामा होते देख आनन-फानन में महिला का आॅपरेशन कर मृत शिशु को निकाला गया।
* डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती सुधा साहू ने बताया कि सुबह से लेकर शाम तक डिलीवरी वार्ड में नियुक्त डॉक्टरों ने महिला की इलाज पर ध्यान नहीं दिया। डॉक्टरों की लापरवाही के चलते ही उसके पेट में बच्चे की मौत हो गई। यदि शीघ्र ही महिला का आॅपरेशन किया गया होता तो बच्चे को बचाया जा सकता था। डॉक्टरों की मनमानी की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी को की गई है। उन्होंने 7 दिन के भीतर कार्रवाई की बात कही है। श्रीमती साहू ने कहा कि यदि 7 दिवस के भीतर लापरवाह डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं की गई तो महिला मोर्चा द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कार्रवाई की मांग के दौरान प्रशांत श्रीवास्तव, सुरेखा कंवर, दिनेश रूपरेला, नंदू जलक्षत्री, अमन वर्मा, देवेंद्र चंद्राकर, डिम्पल ध्रुव, कल्पना सिन्हा, हुलसी चंद्राकर, मधु यादव, हेमलता यादव, भगवती करकसे, हेमकांति देवांगन, अमित साहू, घना साहू, कुंदन साव आदि उपस्थित थे।