बसना - मानिकपुरी पनिका समाज के संभागीय प्रभारी जगदीश दास राजन एवं सेवक दास दीवान जिलाध्यक्ष महासमुन्द ने लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू से मुलाकात कर आदिवासी मे शामिल किये जाने हेतु प्रधानमंत्री भारत शासन के नाम मांग पत्र सौंपते हुए निवेदन किया है।
उल्लेखनीय है कि भारत के राजपत्र की अनुसूची 37 में मध्य बरार प्रांत व मध्यप्रदेश गठन के बाद अनुसूची 47 में पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में रखा गया था, लेकिन बिना किसी पूर्व सुनवाई व पक्ष जाने बगैर 1971 में प्रकाशित सूची से पनिका जाति को आदिवासी वर्ग से हटाकर अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में शामिल कर दिया गया। इसके बाद से लगातार आदिवासी वर्ग में बहाल करने की मांग राज्य सरकार के अनुसंधान विभाग में लंबित है। बैठक में बताया गया कि राज्य आयोग की जनसुनवाई 2005 में की गई थी, किंतु आज तक उसे केंद्र में नहीं भेजा गया। जिससे पनिका समाज आहत है। लंबित मांग को मंजूर कर केंद्र सरकार की अनुसूचित जाति-जनजाति मंत्रालय भेजने की मांग की गई। प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश मानिकपुरी के दिशा निर्देश पर छत्तीसगढ़ के सभी लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र देकर निवेदन किया जा रहा है। महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू से भेंट मुलाकात कर अवगत कराया गया कि अविभाजित मध्यप्रदेश में 1970 तक पनिका जाति अनुसूचित जनजाति में शामिल था। लेकिन उसके बाद पनिका /पनका जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया गया।2006 में पनिका जाति को लेकर राज्य सरकार ने एक रिपोर्ट तैयार करवाई लेकिन उस समय कुछ विपरीत परिस्थितियों के कारण पनिका समाज को आदिवासी में दर्जा नहीं मिल पाया।
लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू ने पनिका समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने को लेकर प्रमुखता से रखने का आश्वासन दिया है। उक्त अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश अग्रवाल, अरूण साहू पत्रकार उपस्थित थे।