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Saturday, September 23, 2023

स्थानीय नेताओं को छोड़ कर पैराशूट उम्मीदवार पर दाव लगाना पड़ सकता है भारी -:


Journalist हेमंत पटेल 

बिलाईगढ क्षेत्र के बहुचर्चित सेवानिवृत्त पुलस्त्य कुमार घृत लहरे को मिल रहा आपार जन समर्थन बहुचर्चित विधानसभा सीट बिलाईगढ के लिए कांग्रेस पार्टी से टिकिट हेतु लम्बी कतारों में से एक नाम रिटायर्ड कृषि अधिकारी पुलस्त्य कुमार घृतलहरे नगर पंचायत टुण्डरा निवासी का नाम दिनों दिन जन मानस के जुबां पर बसता जा रहा है इसी कडी में जनसंपर्क के दौरान वनांचल के गांव बिलारी,कौहाजुनवानी,मानदीप,करमेल,थरगांव,कुशगढ,निठोरा में जनसंपर्क किया गया क्षेत्र के जनताओ से कांग्रेस पार्टी के लिये प्रेम एवं सहयोग का विशेष भाव सपष्ट नजर आने लगा है जिसका लाभ भारी जनसमर्थन के रुप में चुनाव में मिलेगा।कृषि अधिकारी होने के नाते खेती किसानी, फसल सिथ्ति का भी हाल चाल जानते हुये सुझाव भी दे रहे हैं ।वर्तमान में चल रहे धान पंजीयन को विसतृत रूप से किसानों को समझाते हुये जल्दी से जल्दी अपनी सहकारी समितियों  में आवेदन जमा कराने का भी अनुरोध कर रहे हैं ताकि अपनी धान फसल की ऊपज को आसानी से समर्थन मूल्य में  बेंचने के लिये पंजीयन हो सके।कांग्रेस के प्रत्याशी सेवानिवृत्त राज़ महंत पुलस्त्य कुमार घृत लहरे एक आस लगाई जा सकती है। पेशे से कृषि विभाग के अधिकारी रह चुके हैं साथ ही कृषि विभाग से जुड़े हुए हैं तो बतौर किसान के दुख सुख को समझना इसने बहेतर किनको पता होगा वही कृषि विभाग के समस्त कर्मचारी बंधुओ को लीड कर रहे है इनके पीछे कृषि विभाग से जुड़े एक बड़ा जन समर्थन है ऐसे में कांग्रेस के लिए साफ सुथरे और निष्ठावान कार्यकर्ता को टिकट देने की आवश्यकता है जिसमे सेवानिवृत्त राज़ महंत पुलस्त्य कुमार घृत लहरे का नाम सटीक बैठता है जो पिछले कई वर्षो से कांग्रेस के संगठन में रहकर पार्टी के निर्देशानुसार कार्य करते आ रहे है तथा सामाजिक क्षेत्र में भी इनकी बेहद अच्छी पकड़ है वही सामाजिक क्षेत्र में कार्य कुशलता की बात करे तो इनका सामना कोई नही कर सकता लिहाजा कृषि विभाग से सेवानिवृत्त राज़ महंत पुलस्त्य कुमार घृत लहरे ही बिलाईगढ़ विधानसभा के लिए कांग्रेस के बेहतर विकल्प हो सकते है 

फिलहाल कांग्रेस में जो स्थिति है, उससे यह माना जा रहा है कि अंतिम निर्णय आलाकमान का होगा

इस बार भी कुछ पैराशूट उम्मीदवार सामने आ सकते हैं। पिछली बार बिलासपुर से शैलेष पांडेय, कोटा से विभोर सिंह, महासमुंद, बस्तर की ओर से कुछ पैराशूट उम्मीदवार आए थे, जबकि तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में ही अपनी सभा में पैराशूट उम्मीदवार नहीं उतारने की बात कही थी। पैराशूट उम्मीदवार का फैसला केंद्रीय चुनाव समिति के अप्रूवल से ही होगा

स्थानीय नेताओं को छोड़ कर पैराशूट उम्मीदवार पर दाव पेंच लड़ाना पड़ सकता है भारी 

सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के पैराशूट उम्मीदवार की बिलाईगढ़ में टिकी हुई है नजरें पार्टी अध्यक्ष की मंशा के अनुरूप पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। नेताओं ने एकराय होकर कहा कि ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने से पार्टी के पुराने नेता और कार्यकर्ता दूर हो जाएंगे जिससे कांग्रेस को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है 'विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट पार्टी किसी को भी बनाए ये उनका निर्णय होगा। इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना जरूर है कि इस बार विधानसभा चुनावों में किसी को भी कांग्रेस के द्वारा टिकट दिया जाए, संगठनात्मक रूप से क्षेत्रीय नेता इतने मजबूत हो चुके हैं कि हर बूथ को जीतने का प्रण किया है और उसी के लिए काम कर रहे हैं।

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