बसना-पूर्वजों के कथनअनुसार ब्रिटिश शासन काल सन् 1890 से ग्राम बरडीह में आज से छह पीढ़ी पूर्व प्रसिद्ध मृदंग वादक गोपीनाथ प्रधान के जीवन काल से स्वर्गीय बिम्बाधर, स्वर्गीय मंगलू, स्वर्गीय इंद्र प्रधान, श्री बलराम प्रधान, स्वर्गीय राहसो प्रधान, स्वर्गीय रामचंद्र प्रधान,स्वर्गीय निशामणी प्रधान से वर्तमान पीढ़ी तक उपरोक्त मृदंग वादकों के आर्शीवाद और ग्रामीणों के सहयोग से अष्टप्रहरी नाम संकीर्तन महायज्ञ का आयोजन 134 सालों से निरंतर चलता आ रहा है। उपरोक्त सभी जानकारी हमारे ग्राम के सबसे बड़े बुजुर्ग श्री बलराम प्रधान उम्र 108 वर्ष द्वारा आज ग्रामीणों को बतलाया गया |श्री बलराम प्रधान उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मृदंग वादक रोहित प्रधान के पिताजी हैं | इस वर्ष भी ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वितीय 25 मई दिन शनिवार को कलश स्थापना एवं महामंत्र उच्चारण "हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे" "हरे कृष्ण हरे कृष्ण ,कृष्ण कृष्ण हरे हरे" का नाम जाप किया जाएगा । अंतिम दिवस ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया दिनांक 26 मई दिन रविवार को पूर्णाहुति नगर भ्रमण महाप्रसाद ( भंडारा) का आयोजन किया जाएगा। अतः समस्त संकीर्तन प्रेमी बंधु गण इस महायज्ञ में सपरिवार पधार कर पुण्य लाभ अर्जित करें।जानकारी अनुसार शताब्दी वर्षों के बाद भी आज पर्यंत ग्रामीणों के मन में अष्टप्रहरी नाम संकीर्तन महायज्ञ के प्रति उत्साह और उमंग यथावत बना हुआ है ।
गौरतलब हो कि ग्राम बरडीह में विगत दो दशक सन् 2000 से श्री श्री राधा माधव आश्रम मंदिर बरडीह में "भज श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु नित्यानंद" "जप हरे कृष्ण हरे राम श्री राधे गोविंद" अखण्ड नाम (दीप प्रज्वलित) अनवरत जारी है। पूर्वजों के कथनअनुसार ग्राम तोषगांव से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र का बारात धूम धाम से ग्राम बरडीह पहुंचा, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र एवं माता सीता का विवाह किया गया था।बड़े तालाब में स्थित श्री महादेव स्वामी शिव मंदिर भी लगभग सन् 1921 में निर्माण किया गया है।तथागत प्रबुद्ध दो भाई संकीर्तन प्रधान , सत्यानंद प्रधान व ग्रामीण जन के सहयोग से सन् 1984 में श्री जगन्नाथ स्वामी जी का मंदिर निर्माण कर उड़ीसा से जगन्नाथ महाप्रभु को लाकर मंदिर में स्थापित किया गया। पूर्वजों की प्रेरणा व उनका अनुशरण कर आज तक अष्टप्रहरी नाम संकीर्तन महायज्ञ एवं सभी धार्मिक महोत्सव उमंग और उल्लास के साथ लोगों के द्वारा आज पर्यंत तक पुण्यकर्म सफलता पूर्वक संपन्न होते आ रहे है। अतः इस पवित्र पुण्य भूमि को नमन करते हुए समस्त ग्रामवासी प्रफुल्लित एवं गौरवान्वित है । इस पवित्र यज्ञ अनुष्ठान में उड़ीसा के प्रसिद्ध संकीर्तन मण्डली झुनगापाली( डिप्टीपूर ) उड़ीसा, संकीर्तन मंडली परमाणपुर (अतावीरा) उड़ीसा ,संकीर्तन मंडली धानबसा (बलांगीर) उड़ीसा व संकीर्तन मंडली परूवाभाडी (भटली) उड़ीसा को आमंत्रित किया गया है। जिसमें समस्त ग्रामवासी बरडीह ने अष्टप्रहरी नामयज्ञ क्रार्यक्रम में पहुंचकर पुण्य लाभ अर्जित हेतु सभी इष्ट मित्र बंधु बांधव को आमंत्रित किया गया है ।