दंतेवाड़ा-पिछले 4-5वर्षो से धर्मान्तरण को लेकर जनजाति समाज में अनेक ग्रामों में विरोध के स्वर उठे. और इसी दरम्यान भी छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर धर्मान्तरण हुआ. बीते कुछ वर्षो से धर्म परिवर्तन हुए परिवार के सदस्यों के मृत्यु होने पर भूमि में दफ़नाने मामले को लेकर अनेक विरोध के स्वर सुने गए. बड़े बवाल भी हुए. जिसे जनजाति समाज में अपने धर्म के प्रति बड़ी जागरूकता के तौर पर देखा जाना चाहिए. न्यायालय में इन मामलों में जनजाति समाज के पक्ष में फैसले दिए और धर्मान्तरण के बाद आरक्षण को लेकर अनेक याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति भी दी. इन निर्णयों के बाद धर्मान्तरण के खेल में लगे लोग हतोत्साहित हुए. जगह -जगह ऐसे तत्व पीटे भी गए और सामाजिक बहिष्कार भी हुआ. कई ग्रामों में मिशनरी संस्थानों में भी जनजाति समूहों ने तोड़फोड़ कर अपनी परंपरा, रीति रिवाजों, पूजा पद्धति, गायता,पेरमा, मंदिरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता खुलकर जाहिर कर दी. साथ ही धर्म परिवर्तन कर चुके अनेक परिवारों को विधि-विधान से समाज में वापस बुलाया.कई मौकों पर समाज ने सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी भी दी. परिणाम हुआ कि लोग अपने धर्म में वापस आने लगे. मिशनरी के धर्म परिवर्तन में लगे तत्व ग्रामीणों के कोपभाजन के शिकार बने. विश्व हिन्दू परिषद के विभाग संयोजक संतोष साहू ने आशा जाहिर करते कहा कि जिस तरह से जनजाति समाज में जागृति आ रही है बहुत ही शुभ संकेत है. जनजाति समाज अपने पूर्वजों के बताये मार्ग पर चलकर ही अपने धर्म, संस्कृति, संस्कार, पूजा पद्धति को बचाये रख सकता है और इसके खिलाफ काम करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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Friday, June 21, 2024
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धर्मान्तरण विषय पर चेरपाल में बैठक आयोजित, गौ सुरक्षा समिति के प्रमुख रहे उपस्थित
धर्मान्तरण विषय पर चेरपाल में बैठक आयोजित, गौ सुरक्षा समिति के प्रमुख रहे उपस्थित
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