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Thursday, August 8, 2024

सुकमा में विदेशी शराब दुकान में ओव्हररेट का दबंगों द्वारा खेला जा रहा का गंदा खेल, सवालों के घेरे में आबकारी अधिकारी

 



सुकमा- जगदलपुर ओवररेटिंग का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। और सुकमा जिले से ओवररेटिंग का मामला सामने आने लगा है। बस्तर संभाग से एक के बाद एक ओवररेटिंग के केसेस सामने आने लगे हैं। सुकमा जिले में रक्षक कंपनी और आबकारी अधिकारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रहा है। कार्यवाही तो दूर की बात है अधिकारी मामले की जानकारी तक लेना उचित नहीं समझ रहे हैं। 


बस्तर संभाग में एक के बाद एक ओवररेटिंग के मामलों ने आबकारी विभाग को कटघरे में ला खड़ा कर दिया है। अब जो मामला सामने आया है। वह सुकमा जिले का है। यहां विदेशी मदिरा दुकान का ओवररेटिंग का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कस्टमर सेल्समेन से फ्रंट लाइन का अद्धी का रेट पूछता दिख रहा है। जिस पर सेल्समैन का 350 रुपये कीमत बताया जा रहा है। जबकि इसकी सरकारी एमआरपी 340 है। यानी 10 रुपए अधिक कीमत की वसूली की जा रही है।


बस्तर संभाग के सभी जिलों में रक्षक कंपनी प्लेसमेंट का काम कर रही है। जिसकी मनमानी खुलकर सामने आने लगी है। रक्षक कंपनी के इशारे पर यहां सेल्समेन बोतल में लगी एमआरपी स्क्रैच कर ग्राहकों के आंखों में धूल झोक रहे हैं। और मनमानी कीमत वसूलने का काम जोरों पर कर रहे हैं।


सुकमा जिले में विदेशी मदिरा दुकान में ओव्हर रेट का खेल इस कदर खेला जा रहा है कि इनको किसी का खौफ नहीं है। आबकारी विभाग आंखे मूंदे बैठी है। यहां मदिरा दुकान में सेल्समैन खुलेआम ओवर रेट पर सभी ब्रांड के शराब बेच रहे हैं। इतना ही नहीं बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, जगदलपुर में जमकर ओव्हर रेट का खेल-खेला जा रहा है।

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आपको बता दें कि बस्तर के सभी जिलों में गोवा बोतल 520 का 600 में, फ्रंट लाइन क्लासिक बोतल 680 रुपये का 750 रुपये बेचा जा रहा है। वहीं 170 रुपये क्वाटर का 200 में बेचा जा रहा है। पार्टी स्पेशल डिलक्स अद्धी 340 रुपये एमआरपी वाली 400 रुपये में बेचा जा रहा है।


बस्तर संभाग के मदिरा दुकानों में उपरोक्त ब्रांड के शराबों को 30 रुपये से लेकर 100 रुपये अधिक वसूलकर बेचा जा रहा है। कंपनी की मनमानी और अधिकारियों की दबंगई से बस्तर संभाग के मदिरा प्रेमी छला हुआ महसूस कर रहे हैं।


खास बात ये है कि यहां मदिरा दुकान में फ्रंट लाइन शराब का स्टॉक होने के बाद भी नहीं बेची जा रही है। पूरे मामले में जिला प्रशासन से लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां मौन साधे बैठे हैं। और अवैध वसूली को खुला संरंक्षण दे रहे हैं। बस्तर के मदिरों प्रेमियों से लेकर आम लोग सभी ये ये सवाल पूछ रहे हैं आखिर अवैध वसूली पर लगाम कब लगेगी।

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