बसना -स्व. श्री जयदेव शासकीय महाविद्यालय, बसना के प्राचार्य डॉ एस के साव के निर्देशन में महाविद्यालय में दिनाँक 25/11/2025 को "जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का प्रारंभ दीप प्रज्वलित कर मां भारती, रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों एवं स्थानीय समुदाय को जनजातीय समाज की समृद्ध परंपरा, मूल्यों और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराना था।
बता दें कि एकदिवसीय संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस के साव द्वारा की गई। मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित यज्ञ राम सिदार ने जनजातीय समाज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सामाजिक संरचना, जीवन शैली, आध्यात्मिक विश्वासों तथा उनके प्रकृक्ति-आधारित ज्ञान-विज्ञान पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।
प्राचार्य डॉ. एस. के.साव ने अपने उदबोधन में कहा कि जनजातीय गौरव दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है, जो आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में है। यह दिन देश के जनजातीय समुदायों के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और भारत के निर्माण में उनके योगदान का सम्मान करता है। यह दिन जनजातीय इतिहास को बढ़ावा देने और भारत के विभिन्न जनजातीय नायकों के बलिदान और संघर्ष को याद करने के लिए मनाया जाता है।
मुख्य वक्ता के रूप में पधारे शासकीय महाविद्यालय सरायपाली के राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक उपेंद्र बरिहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि - भारत के स्वतंत्रता संग्राम को संथाल, तामार, कोल, भील, खासी और मिज़ो जैसे आदिवासी समुदायों के कई आंदोलनों ने मज़बूत किया। आदिवासी समुदायों द्वारा आयोजित क्रांतिकारी आंदोलन और संघर्ष उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान से चिह्नित थे। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुए आदिवासी आंदोलन राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए और पूरे देश में भारतीयों को प्रेरित किया।
अंत में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता यज्ञ राम सिदार व उपेंद्र बरिहा को प्राचार्य द्वारा मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के जन जातीय प्रभारी डॉ सी . बखला, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी एन के प्रधान, क्रीड़ा प्रभारी विजय कठाने ,, अजय जलक्षत्री, संतोष कुमार घृत लहरे ,
आदित्य रंजन कानूनगो ( जनजातिय समाज का गौरवशाली अतीत कार्यक्रम के संभाग प्रभारी ) एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।इस कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक विजय कठाने ने किया।



