जशपुर। पत्थलगांव तहसील का बागबहार गांव में कल शाम आकाशीय बिजली की चपेट में आने की दो अलग अलग घटना के बाद एक युवती और दो युवक बुरी तरह झुलस गए। इनमें दो घायलों का उपचार के लिए उनके परिजनों ने अंधविश्वास का सहारा लेने से उन्हें बचाया नहीं जा सका। जबकि आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाला तीसरा राजू पिता लालसाय नामक युवक को बागबहार के स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के बाद बचा लिया गया है।
इस मामले में लोगों मे अंधविश्वास से दूर नहीं होने की बात प्रमुखता से सामने आई है। आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद झुलस जाने वाली युवती चंपाबाई को गोबर से ढक कर उपचार करने मे काफी समय गंवा दिया गया था। इसी तरह मंदिर मुहल्ला का सुनील का उपचार मे भी अंधविश्वास का ही सहारा लिया गया था।
इस तरह का उपचार को लेकर जब गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया तो उन्हें उपचार के लिए समीप का फरसाबहार स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां कोरोना संक्रमण के चलते चिकित्सा सुविधा मिल पाने मे विलंब हो रहा था। इस वजह इन घायलों को उपचार के लिए लैलूंगा ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। आकाशीय बिजली की घटना के बाद अधंविश्वास की बातों को स्थानीय लोग काफी दुखद बता रहे हैं। बागबबहार के पूर्व सरपंच जगन्नाथ गुप्ता का कहना था कि यदि इन घायलों को समय पर सही उपचार दिया जाता तो उन्हें बचाया जा सकता था।
इस मामले में लोगों मे अंधविश्वास से दूर नहीं होने की बात प्रमुखता से सामने आई है। आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद झुलस जाने वाली युवती चंपाबाई को गोबर से ढक कर उपचार करने मे काफी समय गंवा दिया गया था। इसी तरह मंदिर मुहल्ला का सुनील का उपचार मे भी अंधविश्वास का ही सहारा लिया गया था।
इस तरह का उपचार को लेकर जब गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया तो उन्हें उपचार के लिए समीप का फरसाबहार स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां कोरोना संक्रमण के चलते चिकित्सा सुविधा मिल पाने मे विलंब हो रहा था। इस वजह इन घायलों को उपचार के लिए लैलूंगा ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। आकाशीय बिजली की घटना के बाद अधंविश्वास की बातों को स्थानीय लोग काफी दुखद बता रहे हैं। बागबबहार के पूर्व सरपंच जगन्नाथ गुप्ता का कहना था कि यदि इन घायलों को समय पर सही उपचार दिया जाता तो उन्हें बचाया जा सकता था।