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Friday, July 24, 2020

राज इंपीरियल के जुए में छिपा असली 'राज'!

लपेटे में आया होटल मैनेजर, मालिक पर पुलिस मेहरबान

कोरोना नियमों के विपरीत जुआरियों को होटल में रूम की सुविधा, पर कार्रवाई नहीं

(स्पेशल रिपोर्ट पूरन साहू)
राजनांदगांव। नेशनल हाईवे में रेवाडीह स्थित आलीशान होटल राज इंपीरियल में साढे छह लाख रूपए के जुआ सहित राजनांदगांव  शहर के नामी गिरामी जुआरियों का चेहरा सामने लाने के मामले में निश्चित तौर प्रशिक्षु महिला डीएसपी रूचि वर्मा सहित उनकी पूरी पुलिस टीम की कार्रवाई प्रशंसनीय है किंतु कुछ सवाल ऐसे है जो पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान के लिए पर्याप्त है। 21 जुलाई की शाम साढे बजे की इस कार्रवाई में पुलिस ने तेरह जुआरियों के नाम तो पूरी दिलेरी के साथ उजागर कर दिए पर कोरोना वैश्विक महामारी के चलते लाकडाऊन की गाईड लाईन और नियमों का उलंघन करने वाले होटल  राजइंपीरियल के मालिक तक पहुंचने में उनकी हाथ बौनी साबित हो गई। लालबाग थाने में दर्ज एफआईआर क्रमांक 292 में पुलिस होटल राज इंपीरियल के मैनेजर तालपुरी पारिजात थाना नेवई जिला दुर्ग निवासी श्रीकांत बंधे पिता सुदामा बंधे उम्र 32 को अपराध में लपेट में जरूर लिया है पर होटल के मालिक पर पूरी तरह से मेहरबानी दिखा दी गई है। यहां पर यह सवाल उठता है कि क्या होटल का मैनेजर कोरोना लाकडाऊन के बीच जब सभी होटल और बार को बंद रखने के कड़े आदेश है तो ऐसी परिस्थिति में मालिक को बगैर बताए क्या होटल के कमरे को जुए के लिए एलाट कर दिया होगा? नियमानुसार पुलिस को जुआरियों के साथ-साथ होटल मालिक और मैनेजर के खिलाफ लाकडाउन के उलंघन के मामले में भी कार्रवाई करनी थी पर ऐसी कार्रवाई न कर पुलिस जनता के आम सवालों के आगे निरूत्तर हो गई है।  होटल राज इंपीरियल  में एकाएक जुए की खबर के बाद बसंतपुर थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी रूचि वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा वहां धावा बोलकर होटल के कमरा नंबर 301 में दबिश देकर सभी जुआरियों को दबोच लेने की कार्रवाई नि:संदेह उनकी जाबाजी को प्रदर्शित करता है पर जाबाजी पर चार चांद तब लग जाती जब पुलिस होटल के मालिक को कार्रवाई के दायरे में लेती। यहां यह देखा गया है पुराना बस स्टैंड के कुछ लार्जो में देह व्यापार के मामले में होटल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी तो फिर लाकडाऊन के बीच जुआ खिलाने के मामले में राजइंपीरियल के मालिक के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?

सबसे ज्यादा रकम अरिवंद के पास से

जानकारी के अनुसार कुल तेरह जुआरियों में सबसे ज्यादा रकम वार्ड नं. 46 कमला कालेज रोड राजनांदगांव निवासी अरविंद सिंग पिता हरिंदर सिंग के पास से जब्त की गई है। इनके फड से 60 हजार 950 और जेब से 12 हजार 560 कुल 73 हजार 510 रूपए जब्त किए गए हैं। पकड़े गए जुआरियों में लखोली निवासी फिरोज मेमन को जुआ का बड़ा खिलाडी बताया जाता है। इसके अलावा एक प्रोफसर भी जुआ में पकडा गया है जिसका नाम दीपेश पटेल है। एक आलू-प्याज के कारोबार से जुड़ा होना बताया जाता है जिसका नाम दिनेश तेजवानी निवासी सिंधी कालोनी लालबाग है। इसी प्रकार एक कपड़ा व्यापारी जिसकी दुकान कृष्णा टाकिज के पास है, जिसका नाम संजय कुमार जगवानी है। सभी आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक जुआअ अधिनियम 1867 की धारा 3, 4 जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। प्रशिक्षु डीएसपी रूचि वर्मा ने बताया कि सभी आरोपियों को रात में जमानतदार पेश करने पर जमानत मुचलके पर छोड दिया गया है।

होटल के फुटेज क्यों नहीं खंगाल रही पुलिस

भाजपा के सत्ताकाल में पार्टी के हर छोटे-बड़े आयोजनों से सराबोर रहने वाले होटल राज इंपीरियल में जुए की बड़ी कार्रवाई से इस बात का खुलासा हो गया है कि यहां यह कारोबार कोई नया नहीं अपितु लंबे समय से चलता रहा होगा? इसकी जांच के लिए पुलिस को यहां के सीसी कैमरे को भी खंगालना चाहिए। खबर तो यह उड़ रही है कि जुआ की कार्रवाई के पूर्व भाजपा के कुछ नामी लोग भी होटल से बाहर निकले है। यदि ऐसा है तो फिर ये लोग कोराना काल के बीच होटल में किस काम के लिए और क्या करने गए थे? जानकारी के अनुसार यहां दो लड़कियां भी पकड़ में आई है जिनसे पुछताछ जारी है। सवाल यह उठता है कि कोराना काल के बीच असम से आई युवतियों के नाम  क्या जिला स्वास्थ्य विभाग में दर्ज है और यदि नहीं तो फिर ऐसी जानकारियों को छुपाने के मामले में होटल के मालिक के खिलाफ कार्रवाई बनती है। 

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