आबकारी विभाग के द्वारा लिखित आश्वासन पर अनशन किया समाप्त
सरायपाली। महासमुन्द जिला अंतर्गत बसना, सरायपाली, बागबाहरा के अंग्रेजी शराब दुकान मे कार्यरत प्लेसमेंट के कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना एवं गलती के जिला आबकारी अधिकारी दिनकर वासनिक के द्वारा हटाकर छत्तीसगढ़ से बाहरी व्यक्तियों को मनमाने तरीके से रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि महासमुन्द जिले के स्थानीय युवकों को प्लेसमेंट एजेंसी ठेकेदार के अमानत राशि लेकर सुपरवाईजर व सेल्समैन की नियुक्ति की गयी थी।स्थानीय युवकों ने विगत तीन वर्षों से शासकीय शराब दुकान मे ईमानदारी पूर्वक कार्य करते हुए सेवाएं दे रहे थे। जानकारी के अनुसार जिला आबकारी अधिकारी दिनकर वासनिक के द्वारा बिहारी युवकों को बुलाकर एक तरफा चार्ज दे दिय़ा गया और स्थानीय युवकों को बिना किसी गलती के नौकरी से निकाल दिया जिससे युवक बेरोजगार हो गये। कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर मे आर्थिक समस्या खड़ी हो गई। नौकरी मे पुन: रखे जाने हेतु युवकों के द्वारा जिलाधीश महासमुन्द एवं आबकारी कमिश्नर रायपुर से आवेदन देकर निवेदन किया गया था लेकिन इन अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई न ही इनकी समस्या के प्रति गंभीरता दिखाई। आखिरकार प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों ने आमरण अनशन का रास्ता चुना और 16 कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठ गए। स्थानीय कांग्रेस के नेता हरदीप सिंह रैना ने इनका समर्थन करते हुए धरने पर बैठ गया। शासन प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा अनशन समाप्त करने हेतु दबाव बनाया गया और कार्रवाई किये जाने का भय भी दिखाया लेकिन युवकों ने अपना अनशन जारी रखा। अंतत: आबकारी विभाग को हार मानना पड़ा। आबकारी उप निरीक्षक कुलदीप शर्मा के द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया कि 12 अक्टूबर से आप सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस लिया जायेगा। लिखित आश्वासन के पश्चात अनशन पर बैठे कर्मचारियों ने धरना समाप्त किया।