सुनील यादव
गरियाबंद। जिला अंतर्गत ग्राम आमामोरा के समीप ग्राम कुकरार का यह मामला है जहां से एक बड़ी खबर सामने आई है कि बाघ के हमले से हाथी के बच्चे की मौत हो गई है। गरियाबंद जिले का यह पहला मामला है। वन विभाग के अधिकारी ने पुष्टि की है टाइगर के अटैक से तकरीबन 3 से 4 महीने के हाथी के बच्चे की हुई मौत मौत मामला आमामोरा के ग्राम कुकरार का है जहां एक हाथी के बच्चे को मृत अवस्था में पाया गया । उदंती सीता नदी के डीएफओ से हुई चर्चा के दौरान उनके द्वारा यह पुष्टि की गई है कि जिस जगह में हाथी के बच्चे का शव पाया गया है उसी जगह पर बाग के पंजे के निशान भी पाए गए हैं हाथी के बच्चे के पीछे दोनों पैरों में पंजों के नाखूनों के वार के जख्म भी पाए गए हैं ।
डीएफओ ने कहा निश्चित ही यह कह सकते हैं की टाइगर के हमले से हाथी के बच्चे की मौत हुई है। वन विभाग की सर्च टीम को जब इसकी रिपोर्ट मिली तब इसकी जानकारी वन विभाग को भी सौंपी गई जिसे तत्काल रायपुर राजधानी से उच्च अधिकारी तथा उदंती सीता नदी के सभी अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे जहां पाया गया कि एक 3 से 4 माह का हाथी का बच्चा मृत पड़ा हुआ था और उसी के पास बाघ के पंजे के निशान भी देखे गए हैं एक बड़ी खबर फिर सामने आया है अब तक की यह सबसे बड़ी खबर है कि इस हाथी के बच्चे की मौत टाइगर अटैक से हुआ है जिसकी पुष्टि खुद वरिष्ठ अधिकारी द्वारा किया गया वरिष्ठ अधिकारी से हुई चर्चा के दौरान स्वयं उन्होंने इस बात की पुष्टि की है । आज दिनांक 17-10-2020 को कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र के हाथी ट्रैकिंग दल द्वारा सुबह गश्त के दौरान कुकरार ग्राम के समीप आबादी क्षेत्र में एक हाथी शावक मृत हालत में दिखा। हाथी शावक के पिछले दोनों पैरों में टाइगर के हमले के निशान दिखाई दिए । क्षेत्र का मुआयना करने पर बाघ के पगमार्क तथा स्कैट/ मल के चिन्ह मिले। सूचना पाकर तत्काल मौके पर वन विभाग एवं पशु चिकित्सक की टीम पहुँची । पशुचिकित्सक की टीम के प्राथमिक अध्ययन के अनुसार हाथी शावक की मौत बाघ के हमले से होना प्रतीत होती है। पशुचिकित्सक टीम ने हाथी शावक का पोस्टमार्टम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी पी वी नरसिंह रॉव, मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी अनुराग श्रीवास्तव, उपनिदेशक उदंती सीतानाडी टाइगर रिजर्व आयुष जैन तथा सहायक संचालक तौरंगा पीआर ध्रुव की उपस्थिति में किया।