मनोज पाण्डेय
मैनपुर: इस सत्र प्राइवेट स्कूलों में निःशुल्क पुस्तकें अक्टूबर माह में पहुंचे जबकि त्रैमासिक परीक्षा की समाप्ति इस माह होती है। अब की बार अभिभावकों एवं छात्र- छात्राओं को बहुत इंतजार करना पड़ा, एक ओर स्कूल खुल नही रहे न ही सिलेवस अब तक आया है। ऐसे में बच्चे असमंजस में हैं कि आखिर वो क्या और कैसे पढें।
फिर भी पुस्तक देख चेहरे में मुस्कान जरूर आती है। शासकीय स्कूलों में भी लगभग अगस्त सितंबर लग गए । कोरोना ने 2 साल बच्चों के खराब किये।इन चर्चाओं के बीच आचार्य प्रेमनाथ सोनवानी, हेमलाल पटेल, खामसिंग यादव, आचार्या दीदी चमेली यादव,दुर्गा साहू की उपस्थिति रही तथा पुस्तक वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।