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Friday, February 19, 2021

चुनाव पूर्व किये वादे को पूरा करने की माँग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने धरना प्रदर्शन कर रैली निकाली




सरकार का ध्यानाकर्षण कराने कविताएं एवं देशभक्ति के नारे लगाए 

नियमितीकरण, 11 हजार मानदेय ,नर्सरी शिक्षिका, सामूहिक बीमा ,मासिक पेंसन सहित 7 माँगो को लेकर प्रदर्शन ।

गरियाबंद. प्रदेश कि कांग्रेस सरकार अपना 2 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है जैसे-जैसे राज्य सरकार का कार्यकाल आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे सरकार के द्वारा चुनाव पूर्व किए गए नियमितीकरण सहित अन्य वादों को पूरा नहीं कर पाने के कारण धरना प्रदर्शन एवं विरोध का स्वर दिनों दिन तेज होते जा रहा है इसी कड़ी में पिछले 10 दिनों से अपनी माँगे पूरा करने को लेकर अपने अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका लगातर अपनी आवाज सरकार तक पहुँचाने को लेकर अलग अलग तरह के प्रदर्शन कर रही है । 9 फरवरी से शुरू किए अपने इस आंदोलन में आज जिलेभर से जुटी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने सैकड़ो की संख्या में गाँधी मैदान पर धरना प्रदर्शन दिया । जँहा अपनी माँग को जायज बताते हुए सरकार का ध्यानाकर्षण कराने जमकर नारेबाजी की । इस दौरान अपने साथियों का हौसला बढ़ाने के लिए मंच से कविताएं एवं देशभक्ति के के नारे लगाए । इसके बाद विशाल रैली के रूप में कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च कर अपर केलक्टर को ज्ञापन सौपा । अपनी माँगे पूरी तरह जायज बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत लगभग एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत है जो शासन की हर योजना को अमलीजामा पहनाने में लक्ष्य तक पहुंचाने में दिन-रात मेहनत करके सहयोग करते हैं चुनाव के दौरान नियमितीकरण की करने की बात करने वाली राज्य सरकार अपने दो साल का कार्यकाल पूर्ण कर चुकी है और हमारे द्वारा समय-समय पर "छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ" द्वारा शासन प्रशासन ध्यानाकर्षण किया जाता रहा है लेकिन मांगों की पूर्ति नही होने के काराण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुये धरना प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री एवं महिला बाल विकास विभाग की मंत्री कर नाम केलक्टर को ज्ञापन सौपेंगे है। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में 5 मार्च को रायपुर में विशाल धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा ।




इन मांगों को लेकर धरने पर 

1. शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे शिक्षाकर्मी जो पहले पंचायत के अधिन थे उन्हें नीति निर्धारित कर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उन्हे शासकीय कर्मचारी बनाया

गया है, इसी तरह प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को भी इसी तरह शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे।

2. मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कम से कम 11000 रू. मानदेय स्वीकृत किया जावें।

3. कांग्रेस पार्टी के चुनावी जन घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक के रूप में उन्नयन करने की घोषणा की गई है, दो वर्ष के बाद भी वादा पूरा नही किया गया है शीघ्र पूरा कराई जावे।

4. समूह बीमा, मासिक पेंशन नीति निर्धारित कर इसका लाभ दिया जावे।

5. आंगनबाड़ी केन्द्रो में रिक्त कार्यकर्ता के पद पर सहायिकाओं को लिये जाने के लिये वर्तमान में 25 प्रतिशत का बंधन रखा गया है, परियोजना कार्यालयों में पद रिक्त होते ही पद पूर्ति हेतु विज्ञापन निकाल दिया जाता है जिसके कारण एक दो पद में प्रतिशत की पूर्ति नही होने के कारण सहायिकाओं को इसका लाभ नही मिल पा रहा है और जिस केन्द्र में कार्यकर्ता का पद रिक्त हुआ है और वहाँ की सहायिका उसके योग्य है तो पर भी वहां उसकी भर्ती न होकर सीधी भर्ती से कार्यकर्ता लिया जा रहा जो दुखद बात है, इसलिये 25 प्रतिशत के बंधन को समाप्त किया जाये और कार्यकर्ता रिक्त पदों पर सहायिकाओं को निःशर्त लिया जावें।

6. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिये ड्रेस कोड लागू किया गया है, लेकिन धुलाई भत्ता नही दिया जा रहा है कार्यकर्ता को 500 रू. और सहायिका को 250 रू. प्रतिमाह धुलाई भत्ता दिया जावे।

7. महिला बाल विकास के अंतर्गत कार्यरत सुपरवाईजरों के लिये भी ड्रेस कोड निर्धारित किया जावे ।

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