और बिना पैसे के उन्हें नहीं बोरी डी जाती है नहीं धान की बोरी के लिए बोली कर पर्ची दिया जाता है । किसान इसी कोरोना काल मे इस प्रकार परेशान थे तथा बहुत सारी कठिनाईओ का सामना किये एक और किसान आंदोलन मे सालो तक किसानो ने जन माल लगा दिया और आज जब मंडी चालू हुआ तो पैसे के लिए भी किसानो को प्रताणित किया जा रहा है यदि किसान पैसा नहीं देता है तो उसको पर्ची नहीं दिया जाता नहीं तो बाद मे देना ही पड़ेगा वरना एंट्री नहीं होगा करके धमकी दे रहे बिना पैसा के बोरी नहीं दे रहे, साथ ही साथ यदि किसान को 100 बोरी धान लेकर जाना है और मंडी मे अगर 34 बोरी जमा नहीं कर रहे 1 बोरी भी कम हो रहा है तो
इसके वजह से उनको परेशान किया जा रहा कही से भी एक बोरी को भी जुगाड़ करके लावो नहीं तो प्रबंधक से मिलो हम धान नहीं खरीदेंगे करके हताश कर रहे मजबूर कर रहे यह पूरी कारनामा मे जिम्मेदार कौन है यह जो कुछ भी है सायद बिना प्रबंधक के नहीं हो सकता यह पूरी लूट और प्रताड़ना की जिम्मेदारी किसकी होनी चाहिए प्रबंधक के अधीनस्थ कर्मचारी बिना उसके अनुमति कुछ करने की हिमाकत नहीं कर सकते प्रबंधक के बोरी प्रभारी का कहना भी है हमारे प्रबंधक के बताये अनुसार हम कार्य करते है, क्या इस इतनी बड़ी गंभीर मामला मे शासन प्रशासन कार्यवाही करेंगी बने रहिये हमारे चैनल साथ
बलौदाबाजार ब्यूरो रिपोर्ट रिपोर्टर क्रांति न्यूज़