बसना-वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार चौहान ने बताया कि वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विभाग 05-06 माह से वेतन का भुगतान नही किये जाने से पुरे छत्तीसगढ़ के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हलाकान है, परेशान है! रायपुर में नये नये हजारों के तादाद में दैनिक वेतन भोगी कार्य पर रखे गये है ऐसे ही प्रत्येक वन मंडल की स्थिति है कि जनप्रतिनिधियों के दबाव में नये नये श्रमिक भारी तादाद में रखे गये हैै, जिसके कारण हमेशा बजट का आभाव होते जा रहा है, संगठन ने समय समय पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक का ध्यानाकर्षण कराया गया और पत्राचार किया गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा लेख करने के बावजुद उचित कार्यवाही नही कर पाना, पालन नही करना गंभीर विषय है! वेतन के 278 करोड़ रूपया कहां गये पता ही नही चल पाया! साल भर का बजट पैसा अचानक 07 महिना पहले खतम हो जाना चिंता का विषय है! अधिकतर ऐसे वन मंडल है जहां 09-09 महिना से वेतन भुगतान नही किया गया है! यह बहुत चुक व अनदेखा किया जाना है! सरकार अपने कार्यशैली पर भले पुरस्कार ले ले किन्तु जहां के जनता व श्रमिक तथा छोटे छोटे स्तर के कर्मचारी परेशान है तो कोई मतलब नही है। पुरस्कार का बड़ाई करके दिखावा करना केवल छलावा है! राजा को हमेशा प्रजा व सैनिको के भविष्य की चिन्ता करना चाहिये किन्तु यहा राजा तो केवल अपनी चिंता ही कर रहा है और इधर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी परेशान है,भाजपा शासन काल में ऐसे वेतन के लिये तरसना नही पड़ता था, किन्तु आज जिस तरह से देखने को मिल रहा है यह बड़ा ही चिंता का विषय है! कोरोना काल में इस प्रकार से वेतन के लिये जूझना पड रहा है दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कई ऐसे अधिकारी है जो छोटे छोटे कर्मचारियों को परेशान करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है!
वन मंत्री जी जिस तरीके से अन्य मामलों में एक्टिव होकर आगे आते है, उसी तरह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के वेतन के लिये एक्टिव होकर समस्याओं का निदान करते तो हम छोटे कर्मचारियों को परेशान होना पड़ रहा है । परिवार के खाने के लिये राशन की व्यवस्था नहीं हो पा रहा है।सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द वेतन का भुगतान किया जाये।