किसान - शासन-प्राशसन और उपवर्जन केंद्र के प्रबंधन से किसान परेशान केवल व्यापारियों को दिया जा रहा अनलिमिटेड खाद......जिम्मेदार कौन शासन प्रशासन या प्रबंधन समिति? - reporterkranti.in

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Sunday, July 10, 2022

किसान - शासन-प्राशसन और उपवर्जन केंद्र के प्रबंधन से किसान परेशान केवल व्यापारियों को दिया जा रहा अनलिमिटेड खाद......जिम्मेदार कौन शासन प्रशासन या प्रबंधन समिति?



बलौदाबाजार - जिला व राज्य के किसान शासन प्रशासन और प्रबंधन के कारण बहुत परेशान है किसानो को उपवर्जन/सहकारी समिति केंद्र से खाद नहीं मिल पर रहा वही दूसरी ओर प्राइवेट दुकानों मे व्यापारियों के पास अनलिमिटेड खाद उपलब्ध है, जैसे की आप सबने कुछ दिनों पहले पढ़ा होगा की बलौदाबाजार जिला मे खाद के 6 दुकान सील किये गए और 7 दुकान को नोटिस तालाब किया गया था ओवर रेटिंग को लेकर परन्तु फिर भी खाद दुकानों मे अनलिमिटेड खाद उपलब्ध है जिसे उसकी मूल कीमत से लगभग दो-तीन गुना अधिक कीमत मे बेचा जा रहा है । प्राइवेट दुकानों को खाद इतना अधिक मिल रहा है परन्तु क़ृषि उपवर्जन केंद्र मे खाद की सॉर्टेज क्यों हो रही है । DAP को लेकर किसानो को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जहा अपवर्जन केंद्र मे किसानो की संख्या व रकबा के अनुसार 50 टन DAP की आवस्यकता है वहा मुश्किल से 8-10 टोन ही खाद पहुंच रहा परन्तु वही प्राइवेट दुकानों को 50 टन के स्थान पर 55-60 तक मिल जा रहा और बहुत सारे दुकान खादों को ओवररेटिंग कर बेच रहे सायद इसमें सबकी मिली भगत होंगी शासन प्रशासन चाहती होंगी की किसानो को सहकारी समिति के माध्यम से अपर्याप्त मात्रा मे खाद मिले ताकि प्राइवेट दुकानों से जाकर अधिक कीमत मे खाद खरीदना पड़े और सबको कमिसन मिल सके इस लिए सबके पास किसानो की पूरी जानकारी होते हुए भी पर्याप्त खाद नहीं भेजा जाता किसान पुरे साल मे 3-4 माह खेती का काम करते है जोकि पुरे साल उनके जीवन यापन का एक मुख्य श्रोत है । वही दूसरी ओर यह भी हो सकता है की सहकारी समिति डिमांड कम भेजती होंगी और प्राइवेट दुकानों से समझौता कर ली लोगी कमिसन बेस पर । इन सब कारणों से फायदा सबको हो रहा बस किसानो को परेशान किया जा रहा अपना फयदा देख किसानो को सब परेशान कर रहे । खाद कंपनी अपना खाद बना रही और पर्याप्त मात्रा मे उसको बेच रही वही कंपनी से दुकानदार खाद ला और क़ृषि केंद्र वालो के पास स्टोरेज की कोई कमी नहीं अनलिमिटेड खाद है और सहकारी समिति से खाद न मिलने के कारण क़ृषि केंद्र से मूल कीमत से कही ज्यादा कीमत मे किसान खाद खरीद रहे जिससे व्यापारी की कमाई अनलिमिटेड है और उपवर्जन केंद्र मे डिमांड कम भेजा जा रहा य खाद की पर्याप्त मात्रा सहकारी समिति को भेजा नहीं जा रहा इससे सहकारी समिति को ज्यादा काम करना नि पड़ रहा और आराम कर रहे साथ ही साथ सायद डिमांड कम भेजते होंगे और व्यापारियों से जुड़े होते होंगे कमिसन के लिए............ शासन प्रशासन सावधान रहे और किसानो की समस्या को समझे नहीं तो किसान कही आंदोलन करने लग गए तो हालत बिगड़ने मे समय नहीं लगेगा किसान अगर एक साल फसल उगाना बंद कर दे घर मे बैठ जाय तो किसान के अलावा भूखा सबको तड़पना पड़ जायेगा । किसान अगर एक साल फसल लगा कर सरकार को न बेचे तो उस चावल को 5 साल तक भी खेती किये किसान भूखा नि सोयेगा किसान अपने लिए पर्याप्त सब्जिया चावल लगा जीवन यापन कर लेंगे परन्तु इन किसानो के भरोसे पर जीने वाले कैसे करेंगे जब कही से चावल सब्जी नहीं मिलेगा तो इसलिए किसानो को परेशान मत करो सहयोग करो ।

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