राजनांदगांव-. कुछ वर्षो से पत्रकारों द्वारा अपने आवास हेतु शासन से जमीन आबंटित करने के लिए राजनांदगांव के पत्रकारों ने कलेक्टर से बार-बार आवेदन व निवेदन करते रहे। यहाँ तक तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी आवेदन कर चुके पत्रकारों को अब तक आवास हेतु जमीन नहीं मिला। जबकि पत्रकार साथियों ने लिखित मे समय-समय में शासन-प्रशासन से कई वर्षो से करते आ रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन ने बार-बार तबादला व फेरबदल के चलते आवास हेतु जमीन आबंटन से पत्रकार आज भी वंचित है। शासन को अब पत्रकारों ने आईना दिखाना के लिए एकजुट होकर अपना-अपना अधिकार व आवास हेतु जमीन के लिए हर स्तर पर लड़ाई लडऩे हेतु तैयार है। चाहे उसके लिए पत्रकारों को कोर्ट जाना पड़े या फिर सड़क की लड़ाई लड़ना पड़े।
बता दें कि कलम चलाने के साथ अपने हक, आवास हेतु जमीन आबंटन के संबंध में पुन: ज्ञापन व धरना प्रदर्शन व न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने हेतु एकजुट हुए और पहले नियमानुसार जिला प्रशासन से आवास हेतु वंचित पत्रकारगण आवेदन देंगे। हमारी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो कानूनी कार्यवाही हेतु न्याय पाने अदालत की ओर रूख किया जायेगा।
मुख्य रूप से एक ही विषय पर पत्रकारों ने चर्चा किया जिसमें सर्वप्रथम पत्रकारों के आवास हेतु जमीन से वंचित पत्रकारों को जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध हो सकें जिसकी रूपरेखा निर्धारित किया गया। उपरोक्त बैठक में उपस्थित प्रमुख रूप से पत्रकारगणों में दिनेश नामदेव संपादक नामदेव टाईम्स, तरूण पटेल संपादक दैनिक राजधानी रिपोर्टर, मनीष दयाल, किरण सुलेमान, असद कुरैशी संपादक मैं और मेरा छत्तीसगढ़, श्रीमती हमीदा कुरैशी संपादक तय करो, देवेन्द्र मोहन लाला देबु संपादक समय संदेश शिक्षा, जय.एस.सिंह संवाददाता दैनिक विश्वदीर्घा, श्रीमती रेखा सावरकर, रामलाल साहू संपादक राजनांदगांव झलक, तुलाराम नंदनवार, तुलसी गौतम, अजय सोनी, रोमेश रंगारी संपादक पहला कॉलम, भोजेश साहू, राजू सोनी संपादक पंचायत नियोजन, कु. शमशाद बानो संपादक प्रभावशाली छत्तीसगढ़, राजू गुप्ता (चोटी), श्रीमती लीना पटेरिया संपादक स्वर शिल्प, शेखर यादव संपादक छत्तीसगढ़ जीवन, मन्नू सोनी आदि पत्रकारगण उपस्थित थे।