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बैठे है कैलाश पर, शिवा लगाकर ध्यान।
स्वामी तीनों लोक के,बसते है शमशान।।
(आशा पांडेय)
अंबिकापुर -मानव कल्याण एवं सामाजिक विकास संगठन छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में मानव कल्याण की संरक्षक पूनम दुबे वीणा के निवास पर सावन उत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित काव्य गोष्ठी एवं परिचार्चा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बी डी लाल श्रीवास्तव ,मुख्य अतिथि आदरणीय डॉ सुधीर पाठक, विशिष्ट अतिथि आदरणीय रंजीत सारथी एवं आदरणीय दिग्विजय सिंह तोमर जी थे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती मंशा शुक्ला एवं श्रीमती पूनम दुबे जी द्वारा मां सरस्वती वंदना एवं पूजन के साथ किया गया।
उपस्थित वरिष्ठ रचनाकार गीता दुबे, उमाकातं पान्डेय, आनंद सिंह यादव, मन्शा शुक्ला जी, देवेन्द्र नाथ दुबे, अम्बरीष कश्यप, अर्चना पाठक, माधुरी जायसवाल, कृष्ण कांत पाठक, मुकुंद लाल साहू , पूर्णिमा पटेल, पूनम दुबे वीणा, मंजू पाठक, आशा उमेश पान्डेय, डॉक्टर उमेश कुमार पान्डेय ,माधुरी दुबे, शौम्या दुबे, एवं बीना दुबे के द्वार उत्कृष्ट रचनाओ की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुधीर पाठक जी एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष बी डी लाल जी एवं संरक्षक पूनम दुबे जी के द्वारा सावन सुंदरी, नारी शक्ति पर उल्लेखनीय प्रस्तुति देते हुवे इस बात पर सबका ध्यान आकर्षण किया की हम सभी रचनाकारों को समाज में नव जागरण एवं व्याप्त समस्याओं पर प्रभावशाली आम जनमानस के समझने लायक विधा लिखने और उचित मध्यम से प्रचारित व प्रसारित करने का प्रयास करते रहना चाहिए । विशिष्ट अतिथि आचार्य दिग्विजय सिंह तोमर एवं रंजीत सारथी जी ने अपने अनूठे अंदाज में मंच पर सबका ध्यान आकर्षण किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था प्रमुख डॉ उमेश कुमार पान्डेय द्वारा अपनी स्वरचित रचनाओं के माध्यम से सभी का अभिवादन व समीक्षा करते हुवे किया गया। समापन और आभार श्रीमती पूनम दुबे वीणा ने किया।