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Friday, April 21, 2023

मोहगांव (सांकरा) के झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर पड़ा छापा * नर्सिंग होम एक्ट के तहत की जा रही कार्रवाई



 



पिथौरा- विकासखंड में छोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन कर भोले - भाले ग्रामीणों का बड़े - बड़े रोगों का उपचार कर चिकित्सा का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। इनके पास ना तो चिकित्सा से सम्बंधित कोई डिग्री है न ही क्लिनिक चलाने का अधिकार, फिर भी अंचल में बड़े पैमाने पर फर्जी क्लिनिक , पैथोलॉजी लैब , एक्सरे इत्यादि का कारोबार चरम पर है। शिकायत के आधार पर बीते गुरुवार को राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग पिथौरा के संयुक्त टीम द्वारा ग्राम मोहगांव (सांकरा) के हेमंत प्रधान के घर पर बने 3 कमरे की अस्पतालनुमा क्लिनिक पर छापामार कार्रवाई किया गया।



 मिली जानकारी अनुसार ललित मुखर्जी पत्रकार ने ग्राम मोहगाँव (सांकरा) के छोलाछाप डॉ. हेमन्त प्रधान के द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक संचालन करने की शिकायत विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. (श्रीमती तारा अग्रवाल) के समक्ष किया था। उक्त शिकायत के आधार पर राजस्व विभाग के अधिकारी नायब तहसीलदार देवेंद्र कुमार नेताम एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. तारा अग्रवाल, फार्मेसिस्ट कौशल पटेल, पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता मुकेश कर के  द्वारा दोपहर 12:00 बजे घर पर छापेमारी की कार्रवाई किया गया। जहां पहुंचते ही सभी अधिकारी अवैध रूप से संचालित अस्पतालनुमा क्लिनिक को देखकर दंग रह गए। टीम ने पाया कि झोलाछाप डॉ. हेमंत प्रधान के पास कोई चिकित्सा से सम्बंधित डिग्री नहीं थी। इसके अलावा क्लिनिक में काफी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां भी रखी हुए थी, साथ ही मरीजों की जांच उपकरण स्टेथोस्कोप, Thermometer (तापमापी), सिरिंज डिस्ट्रॉयर जप्त किया गया। साथ ही अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को सील किया गया है। मौके पर पंचनामा भी तैयार किया गया है। जिसमें झोलाछाप डॉक्टर हेमंत प्रधान ने विगत 10 वर्षों से उपचार करना स्वीकार किया है। 



लोगों की जान के साथ किया जा रहा खिलवाड़


स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में बड़ी संख्या में ऐसे क्लीनिक चल रहे हैं, जिनमें बैठे डॉक्टर बिना किसी मेडिकल डिग्री के लोगों का इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे ही कथित फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अभियान शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित ऐसे क्लीनिकों की जांच कर रही है। जो बिना किसी मेडिकल नालेज व डिग्री के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। 



इस मामले में विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. (श्रीमती) तारा अग्रवाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर ग्राम मोहगाँव में राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी किया गया। जिसमें ग्राम मोहगाँव के हेमंत प्रधान द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन किया जा रहा था। इनके पास चिकित्सा से सम्बंधिक कोई डिग्री नहीं होने के कारण नर्सिंग होम एक्ट के तहत जब्ती एवं सील की कार्रवाई किया गया है। 


इधर शिकायतकर्ता ललित मुखर्जी का कहना है कि चिकित्सा अधिनियम तथा नर्सिंग होम एक्ट के तहत अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसाय अपराध की श्रेणी में आता है। झोलाछाप डॉ. हेमंत प्रधान के घर पर बने क्लिनिक पर हजारों रुपये के दवाइयां एवं मेडिकल उपकरण जब्त किया गया है। बिना डिग्री एवं अनुभव के उपचार करना गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है। उक्त व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 एवं 420 के तहत अपराध   दर्ज करने की अपील ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं पुलिस थाना सांकरा से की है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने थाना सांकरा में लिखित आवेदन भी सौपा है।



पिथौरा ब्लॉक में कई झोलाछाप डॉक्टरो के द्वारा चलाया जा रहा क्लीनिक 


ब्लाक में झोलाछाप डाक्टरों का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शासन की लाख कोशिशों के बाद भी इनका कारोबार चोरी छिपे चल रहा है, जबकि शासन ने नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिन्होंने लाइसेंस लिया है उन्हीं को ही क्लीनिक चलाने का अधिकार दिया है। वह भी केवल एमबीबीएस डॉक्टरों को ही पात्रता है। शेष झोलाछाप की श्रेणी में आते हैं। फिर भी ग्रामीण अंचल में बड़े पैमाने पर संचालन किया जा रहा है।

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