पिथौरा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा में उपचार कराने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल यहां पिछले करीब 3 वर्षो से रेडियोलॉजिस्ट एवं एक्सरे टेक्नीशियन के अभाव में एक्सरे मशीन बंद है। जिसके कारण मरीजों को मजबूरन निजी एक्सरे सेंटरों का रुख करना पड़ रहा है। जहां जांच के लिए मरीजों से सरकारी अस्पताल के मुकाबले पांच गुना ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ रहा है। और वहीं एक्सरे की जांच रिपोर्ट भी नहीं दी जाती , सिर्फ फ़िल्म ही थमा दी जाती है।जिसके कारण जांच रिपोर्ट नहीं मिलने से उचित उपचार नहीं हो पाता। फिर भी भोलेभाले ग्रामीण जानकारी के अभाव में निजी एक्सरे सेंटरों का सहारा ले रहे हैं।
आये दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा अपने अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहता है। कहने को तो यह अस्पताल पिथौरा ब्लॉक के सबसे बड़ा अस्पताल है। जहां सरकार द्वारा अनेकों अत्याधुनिक उपकरण इस अस्पताल में उपचार हेतु लगवाया गया है। परंतु बीएमओ के सुस्त रवैये के चलते इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा के एक कर्मचारी ने नाम उजागर न करने के शर्त पर बताया कि यहां डिजिटल एक्सरे मशीन महीनों पहले से स्टॉल करके रखा हुआ है। साथ ही सोनोग्राफी मशीन भी वर्षो से स्टॉल होकर मरीजों को सेवा देने के लिए बाट जोह रहा है। किंतु लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
अव्यवस्थाओं का आलम, रात को मोबाईल टॉर्च से होती है, उपचार
इस अस्पताल की अव्यवस्थाओं की अगर बात करें तो यहां पर रात्रि के दौरान कभी बिजली गुल हो जाती है, तो मोबाइल के टॉर्च से मरीज का उपचार होता है और मरीज बिना कुछ कहे अपना उपचार कराते नजर आते हैं। और डॉक्टर भी खासे परेशान दिखते हैं। बावजूद इसके यहां के कर्ताधर्ता बीएमओ कभी भी इस मामले पर संज्ञान नहीं लेते हैं। कई दफा सोशल मीडिया पर यह खबरें देखने को मिल जाती है कि कभी पंखे बंद है, तो गर्मियों के दिनों में कूलर बंद हैं। वहीं बाथरूम भी गंदगी से भरा पड़ा रहता है। आप अगर अस्पताल पर एक नजर डालें तो जगह-जगह गुटखा खाकर थूका हुआ नजर आएगा। ड्यूटी के दौरान यहां के कर्मचारी भी गुटका दबाते नजर आ जाएंगे। जबकि कोई भी शासकीय कर्मचारी ड्यूटी के दौरान गुटखा, नशापान नही कर सकता। ऐसा करना छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 का उल्लंघन है।
सप्ताहभर में होगा एक्सरे मशीन चालू
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा की अव्यस्थाओँ के सम्बंध में सीएमएचओ डॉ. पी. कुदेशिया का कहना है कि "वे जब विजिट करने सीएचसी पिथौरा आये थे। उस दौरान जीवन दीप समिति से रेडियोलॉजिस्ट रखने के आदेश बीएमओ डॉ. तारा अग्रवाल को दिया था। आगे उन्होंने कहा कि महज 3 दिनों में एक्सरे चालू हो जाएगा। लेकिन इस संबंध में बीएमओ डॉक्टर तारा अग्रवाल से बात करने पर पता चला कि एक्स-रे टेक्निशियन के अभाव में मशीन अभी बंद है। रेडियोलॉजिस्ट की तलाश की जा रही है। सप्ताह भर के भीतर चालू होने की उम्मीद जताया जा रहा है। अब देखना होगा कि इन तमाम अव्यवस्थाओं को कब तक दुरुस्त की जाएगी।
पोस्टमार्टम सहायक नहीं, रिटायर्ड स्वीपर करते हैं शव का चीरफाड़
वहीं जिले के इस चर्चित अस्पताल में वर्षों से पोस्टमार्टम सहायक नहीं है। जिसके कारण एक रिटायर्ड स्वीपर शव का चीरफाड़ चीर घर में करते हैं। पोस्टमार्टम सहायक नहीं होने के कारण परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि अब भी एक रिटायर्ड स्वीपर शव का चीरफाड़ करने चीर घर जाते हैं।