🔹पुलिस की अपील का माओवादियों पर व्यापक असर।
🔹 हिंसा की राह छोड़कर लोकतंत्र और सविंधान में जताया विश्वास।
🔹 आत्मसमर्पित माओवादी भैरमगढ़, इन्द्रावती, कटेकल्याण, आमदई एरिया कमेटी में थे सक्रिय।
🔹 आत्मसमर्पित सभी माओवादी नक्सली बंद के दौरान रोड़ खोदना, पेड़ काटना एवं नक्सली बैनर पोस्टर लगाने की घटनाओं में थे शामिल।
◼️ जिला दन्तेवाड़ा में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज श्री सुन्दरराज पी0 (भा.पु.से.), पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा रेंज श्री कमलोचन कश्यप (भा.पु.से.), पुलिस उप महानिरीक्षक (परि0) सीआरपीएफ दन्तेवाड़ा रेंज श्री विकास कठेरिया (भा.पु.से.), पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा श्री गौरव राय (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री स्मृतिक राजनाला (भा.पु.से.) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा श्री रामकुमार बर्मन (रा.पु.से.) के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान तथा छ0ग0 शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद कर शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गॉव-गॉव तक किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप यह बदलाव माओवादी कैडर में दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में माओवादी कैडर का आत्मसमर्पण देखने को मिल रहा है। नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प करके 05 ईनामी माओवादियों सहित 17 माओवादियों ने आत्म-समर्पण किया।