दंतेवाड़ा-दंतेवाड़ा जनपद में एक नामी तकनीकी सहायक हैं नीलेश्वर सिंहा. कोई भी सरकार हो, प्रशासन में कैसा भी फेरबदल हो जाय इनपर कोई फर्क नहीं पड़ता. ये ग्राम पंचायतों के माहिर खिलाड़ी के रुप में कुख्यात हैं.ये पंच -सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक को अधिकारियों का भय दिखाकर तथा निर्माण कार्यो को स्वयं के बुते स्वीकृत कराये जाने का हवाला देते खुद ही ठेकेदारी करते हैं खुद ही मूल्यांकन करते हैं. सूत्रों ने यह भी जानकारी भी दी है कि सीईओ के नाम का भी दुरूपयोग करते हैं. इनके द्वारा अनेक ग्राम पंचायतों में डोम शेड के निर्माण में गलत मूल्यांकन कर राशि निकाल ली गई है. पोंदूम ग्राम में इसका उदाहरण मौजूद है.जिले के कटेकल्याण और दंतेवाड़ा जनपद में इनके द्वारा किये गए मूल्यांकन का अगर जांच करा दी जाय तो सारी परते खुल जाएंगी. और इन परतों को खोलने सूत्र सहयोग भी कर रहें हैं. कटेकल्याण कन्या एकलव्य परिसर के निर्माण में भी इनके कारनामें शीघ्र ही उजागर होने वाले है. इन निर्माण कार्यो में इनके साथ तत्कालीन बीआरसी भी इनके सहयोगी रहे.उल्लेखनीय यह भी है कि ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य के लिए सामग्री के अलावा यांत्रिक मशीनें महोदय लगा देते हैं. यानि सभी तरह का लाभ खुद के लिए. जबकि पंचायतों में भी बेरोजगारों के पास मशीनें होती हैं उन्हें भी अवसर मिलना चाहिए.लेकिन अधिकारियों के साथ, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ इनकी मजबूत पकड़ फेविकोल की तरह है. जिसे देखकर पंचायत प्रतिनिधि अंदरूनी नाराज तो है लेकिन जाहिर नहीं कर पाते. बहरहाल, ऐसे कुछ संबंधित विषयों पर सीईओ जनपद दंतेवाड़ा क्रांति ध्रुव से सकारात्मक चर्चा हुई और उन्होंने विषय को गंभी