कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मौजूदा नूराकुश्ती को बताया गैर-जरुरी
दंतेवाड़ा-बगैर टेंडर के रेस्ट हाउस को विधायक बंगला बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
सत्ताधारी नेता सवालों से बच रहें हैं अतिउत्साह में किया गया रेस्ट हाउस रेनोवेशन से भाजपा नेताओं में फ्रसटेशन है.एक ओर जहां कांग्रेस हमलावर है तो दूसरी ओर चैतराम अटामी
भुजंगों से परेशान हैं. एक लोकप्रिय कहावत भी फिट बैठता है. सिर मुड़ाते ही ओले पड़े. लेकिन विपक्षीयों को भी पोल खुलने की चिंता सताए जा रही है दोनों प्रमुख पार्टियों के नेता कश्मकश में हैं.राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है. जनता जनार्दन भी शह और मात के खेल पर नजरें गड़ाए है. संभवतः यह पहला अवसर होगा जब दोनों प्रमुख सियासी दल आमने-सामने ताल ठोंक रहें हैं. अक्सर तो अंदरूनी गठजोड़ के आरोप पार्टियों पर लगते और दिखते भी रहें हैं.रेस्ट हाउस रेनोवेशन का यह मामला राज्य स्तर पर गुंजायमान है.ऐसा प्रतीत होता है कि नए-नवेले विधायक स्वयं निर्णय नहीं ले रहें है. चैतराम अटामी को चौथे स्तंभ ने पिछले लेखों से भुजंगों से सावधान रहने चेताया था लेकिन वे नहीं चेते और यह बवाल हो गया. बहरहाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने इस विषय में की जा रही नूरा-कुश्ती को गैर-जरुरी बताया है देखना होगा इस मामले का पटाक्षेप किस तरह होता है।