*आगामी चुनाव के लिए लूपलाइन को लाना होगा मुख्यधारा में *
दंतेवाड़ा-भाजपा में चैतराम अटामी के विधायक बनने के बाद संगठन ने जिलाध्यक्ष खोजना शुरू कर दिया है. विधानसभा के बाद लोकसभा की भी सीट भाजपा ने जीत लिया है और जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में देरी की एकमात्र वजह जिलाध्यक्ष देने की है न कि थोपने की. लिहाजा भाजपा संगठन मैदान की असलियत परखने के लिए नजरें जमाये है. अनेक दावेदार है और सभी खुद को साबित करने के लिए तत्पर भी हैं. लेकिन भाजपा संगठन के निर्णय अजीब होते देखें जाते हैं ऐसे में नयापन की उम्मीद अधिक होगी. किसे नहीं बनाना है यह तो संगठन को संभवतः पता होगा लेकिन किसे बनाना है यह एकाधिकार सुरक्षित है और गोपनीय सर्वे या तो पूरा हो चुका होगा या अंतिम दौर में होगा. कहना यह भी जरुरी होगा कि जमीन से जुड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़ रखने वाले, प्रशासन की समझ रखने वाले को अवसर मिल सकता है अगर भाजपा संगठन आने वाले नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव में परचम लहराना चाहती है तो विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं में आई उदासी को दूर करना होगा अन्यथा बड़े झटके की भी आहट स्पष्ट दिख रही है सो सनद रहे कि देर से सही लेकिन दुरुस्त आने की जरूरत होगी. आम चर्चा यह भी है कि कहीं संगठन जिलाध्यक्ष देने में चूक न बैठे. तमाम दावेदार आशान्वित हैं कि उन्हें ही अवसर मिलेगा. हाल में भाजपा की साख में आई गिरावट भी संगठन को खबर होगी ऐसे में यह उम्मीद होगी कि लूपलाइन कड़ी को अवसर देकर भाजपा खेमे में खोई उत्साह को वापस पटरी में लाने का काम सफाई से होगा.