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Tuesday, July 16, 2024

नहीं थम रहा अवैध रेत परिवहन का सिलसिला * धड़ल्ले से चल रहा हाईवा में परिवहन का कार्य ,एस डी एम सरायपाली के द्वारा कार्रवाई किये जाने का नहीं हो रहा असर


 


बसना /सरायपाली - अवैध रेत, गिट्टी परिवहन किये जाने का मामला सामने आया है। लेकिन शासन प्रशासन के द्वारा इस अवैध को रोकने सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है।मीडिया मे लगातार ख़बरों का प्रकाशन व सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद एक वाहन क्रमांक OD-02 BD-3999 को जब्त कर थाना सराईपाली को सुपुर्द किया गया है।  

  आपको बता दें कि जिले के साथ साथ सरायपाली बसना और ब्लॉक के कई ग्रामों में रेत का दिन दहाड़े, रेत माफिया द्वारा रोजाना अवैध परिवहन व भंडारण किया जा रहा है।


प्रतिदिन चिरौली उड़ीसा, सांकरा से रेत का  रोजाना 25 से 35 हाईवा,डम्फर(10 चक्का, 12 चक्का गाड़ी) के माध्यम से अवैध रेत परिवहन कर रेत माफियाओं चांदी काट रहे हैं और शासन को लाखों करोड़ों के राजस्व का नुक़सान पहुंचा रहे हैं।

 चिरोली घाट (अवैध खनन Orissa) से रोजाना 15 गाड़ियां (डम्पर, हाईवा) में गढफुलझर (थाना बसना) के रास्ते होते हुए राजाडीह, अंतर्ला, जोगनीपाली होते हुए सरायपाली और बसना आ रही है! इसी तरह सरसीवां मार्ग से रात के अंधेरे में भी अनेक गाड़ियां आ रही हैं! इसी तरह साँकरा नदी से भी अनेकों गाडियाँ रेत भरकर पार कर रहे हैं ।

 गौरतलब है कि अवैध रेत परिवहन से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी काफी परेशान हैं क्योंकि 12 टन भार सहने वाली प्रधानमंत्री सड़क पर धड़ल्ले से दिन रात ओवर लोडेड 30 टन, 40 टन की गाडियां चलने से सड़क जर जर हो रही है!

 खनिज विभाग के द्वारा जानकारी होने के बावजूद भी अनदेखा किया जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों ?

अवैध खनन से प्रतिदिन शासन को लाखो रूपये की राजस्व / रॉयल्टी की हानि हो रही है और खनिज विभाग मुकदर्शक बने सब खेल देख रहा है। जिला खनिज अधिकारी फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझते ! जबकि जिले के प्रभारी मंत्री दयालदास बघेल ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि अवैध रेत परिवहन पर रोक लगाते हुए कार्रवाई करें। जिला परिवहन विभाग कुंभकर्णी नींद से जागा और मंत्री के निर्देशानुसार कार्रवाई करते हुए अनेक गाड़ियां जब्त की लेकिन कार्रवाई के संबंध जानकारी आज पर्यंत तक अवगत नहीं कराया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि खनिज विभाग के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।

  

उल्लेखनीय है कि बारिश के दिनों में शासन के अदेशानुसार 15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत का उत्खनन, परिवहन के साथ साथ भंडारण भी बंद रहता है। बावजूद इसके रेत माफियाओं द्वारा जिले भर में रोजाना अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण किया जा रहा है। शासन नियमों के तहत्  रेत एवं अन्य खनिजों के अवैध उत्खनन / परिवहन/ भण्डारण के प्रकरणों में प्रभावी रोकथाम हेतु खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत प्रावधान किये गये है जिसमे खान और खनिज (विकास और विनियम) अधिनियम 1957 की धारा 4 (1) एवं धारा 4  (क) अनुसार इस अधिनियम और उसके अधीन बनाये गये नियमों के उपबंधों के अनुसार अन्यथा कोई व्यक्ति किसी

खनिज का उत्खनन परिवहन या भण्डारण नहीं करेगा या नही करायेगा। जो कोई व्यक्ति धारा 4 (1) या धारा 4 (1) के उपबंधों का उत्पन्न करता है यह ऐसे कारावास की अवधि से जिसकी सीमा पांच वर्ष तक हो सकती है या प्रति हेक्टेयर क्षेत्र के लिए पांच लाख रुपये तक जुर्माना किया जाने का प्रावधान है। धारा 21 (12) के तहत इस अधिनियम के किसी उपबंध के अधीन बनाये गये कोई नियम के उल्लंघन करते

पाये जाने पर कारावास दो वर्ष तक हो सकेगा या जुर्माने पांच लाख रुपये तक या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान

है तथा उल्लंघन लगातार जारी रहने की दशा में प्रथम दोषसिद्धि के पश्चात अतिरिक्त जुर्माने के रूप में प्रत्येक दिन

के लिए पचास हजार रुपये तक दण्डनीय होने का प्रावधान

है।एस डी एम सरायपाली के द्वारा कार्रवाई किये जाने के बावजूद भी रेत माफियाओं के द्वारा बेधड़क रेत का परिवहन किया जा रहा है। राजस्व की चोरी रोके जाने के लिए शासन प्रशासन को आवश्यक रूप से कड़े कदम उठाना चाहिये।

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