ग्राम पंचायत सरधाभांठा: निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की गूंज, सरपंच की स्थिति पर सवाल
बिलाईगढ़। ग्राम पंचायत सरधाभांठा, जनपद पंचायत बिलाईगढ़ में पिछले वर्षों के दौरान विभिन्न योजनाओं और 15वें वित्त आयोग की राशि से स्वीकृत निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं। ग्रामीणों ने इन कार्यों की जांच और भौतिक सत्यापन की मांग उठाई है।
शिकायत के बिंदु:
ग्रामीणों के अनुसार, अधिकांश निर्माण कार्य या तो केवल कागजों पर पूरे दिखाए गए हैं या जो हुए हैं, वे बेहद निम्न गुणवत्ता के हैं। शिकायत में निम्नलिखित कार्यों पर सवाल उठाए गए हैं:
नाली निर्माण:
रामप्रसाद घर से चैतन्य दास घर तक (राशि 10 लाख)
डेलु घर से दिनदयाल घर तक (राशि 10 लाख)
रविशंकर घर से पंचायत भवन की ओर (राशि 10.35 लाख)
अवध घर से हृदय घर तक (राशि 9.46 लाख)
नरेश घर से घना पंडित घर तक (राशि 9.46 लाख)
सीसी रोड निर्माण:
चरण घर से मुख्य मार्ग तक (राशि 10 लाख)भीम घर से पुनीराम घर तक एवं खोलबहरा घर से तालाब पार की ओर (राशि 5.20 लाख)
अन्य निर्माण कार्य:
सामुदायिक भवन निर्माण (राशि 10 लाख)
गौठान में ड्रीप एरीगेशन कार्य (राशि 5.16 लाख)
खेल मैदान समतलीकरण (राशि 17.26 लाख)
रंगमंच निर्माण (राशि 3.20 लाख)
तालाब पुनरुद्धार कार्य:
पनखत्ती तालाब (राशि 13.7 लाख)
नया तालाब (राशि 13.83 लाख)
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने वर्ष 2020-21 से दिसंबर 2024 तक 15वें वित्त से कराए गए सभी निर्माण कार्यों की जिला स्तर पर जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इन कार्यों में स्वीकृत राशि का दुरुपयोग किया गया है और संबंधित सरपंच व अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
पंचायत चुनाव पर असर:
ग्राम पंचायत सरधाभांठा में आगामी पंचायत चुनावों को लेकर माहौल गर्माने लगा है। ग्रामीणों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि ऐसे सरपंच, जिनके कार्यकाल में व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सामने आई हैं, को क्या दोबारा वोट देकर चुना जाएगा?
क्या कहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जांच के बाद दोष सिद्ध होता है, तो वे अपने अमूल्य वोट ऐसे व्यक्ति को नहीं देंगे, जिसने विकास कार्यों को दरकिनार कर केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। यदि जांच में शिकायतें सही पाई जाती हैं, तो यह न केवल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आधार बनेगा, बल्कि आने वाले चुनाव में ग्रामीणों का रुख भी तय करेगा।
अब देखना यह है कि ग्रामीण किसे अपना मत देकर आगामी सरपंच चुनते हैं और प्रशास
न इस मामले में क्या कदम उठाता है।