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Wednesday, February 5, 2025

* सरपंच पद के महिला प्रत्याशियों ने विधि विपरीत नामांकन निरस्त किये जाने का रिटर्निंग ऑफिसर पंचायत पर लगाया आरोप

 



बसना - जनपद पंचायत बसना अंतर्गत ग्राम पंचायत गनेकेरा में सरपंच पद पर चार अभ्यर्थियों में इन्दु सिदार/नितेंद्र सिदार, ललिता सिदार/कुंवर सिंह सिदार, रूक्मणी चौहान/सिरितराम चौहान, मोती साव/टीकेलाल साव ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। जनपद पंचायत कार्यालय में समीक्षा बैठक में स्कूटनी के समय श्रीमती इन्दु सिदार, ललिता सिदार के विरुद्ध शासकीय भूमि पर कब्जा किये जाने संबंधी आपत्ति दर्ज़ की गई। रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा बिना किसी जांच के इन्दु सिदार और ललिता सिदार के नामांकन पत्र को निरस्त कर दिया गया।

  बता दें कि सरपंच प्रत्याशी इन्दु सिदार ने रिटर्निंग ऑफिसर पंचायत ममता ठाकुर के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया कि मेरे द्वारा किसी भी प्रकार से शासकीय भूमि पर कब्जा नहीं किया गया है। बिना कारण के बगैर जांच किये विधि विरुद्ध मेरे नामांकन पत्र को निरस्त किया गया है। अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का हनन और लोकतंत्र को दबाने की पूरी कोशिश की गई है। मैं निर्वाचन आयोग से मांग करती हूं कि मेरे नामांकन पत्र को यथावत रखा जाये और रिटर्निंग ऑफिसर के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाये। 

 * दुरूगपाली सरपंच प्रत्याशी सीमा प्रधान के नामांकन को किया गया निरस्त 



 उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत दुरूगपाली सरपंच प्रत्याशी श्रीमती सीमा नरेश प्रधान पूर्व सरपंच के ऊपर पंचायत के बकाया राशि पर आपत्ति दर्ज कराई गई जिस पर ममता ठाकुर रिटर्निंग ऑफिसर पंचायत ने बगैर जांच किये राजनीतिक दबाव में आकर नामांकन पत्र को निरस्त कर दिया जबकि सीमा नरेश प्रधान के द्वारा बकाया राशि को पटा दिया गया है और नामांकन पत्र के साथ पटाये गये राशि की रसीद भी संलग्न की गई है। किसी के विरुद्ध सिर्फ आपत्ति दर्ज़ करा दिये जाने से बिना जांच पड़ताल किये नामांकन पत्र को निरस्त किया जाना पूर्णतः गलत है और विधि विरुद्ध है। यहां पर एक बड़ा सवाल उत्पन्न होता है कि सिर्फ आपत्ति करने पर बगैर जांच किये नामांकन पत्र को निरस्त करने का प्रावधान छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में है क्या ? अगर नहीं है तो किस नियमों के तहत् किया गया है, इधर इन्दु सिदार के अधिवक्ता ने रिटर्निंग ऑफिसर के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के द्वारा सिर्फ़ आपत्ति दर्ज़ करने पर बगैर किसी जांच के नामांकन पत्र को निरस्त किया जाना विधि विपरीत है। जांच पड़ताल करने के पश्चात् लगाये गये आरोप प्रमाणित हो जाता तभी निरस्त किया जाना उचित प्रतीत होता।यह तो रिटर्निंग ऑफिसर की मनमानी और एकाधिकार को प्रदर्शित करता है जो लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। ऐसे अधिकारी के विरुद्ध निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिये अगर कार्रवाई नहीं की गई तो उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की जायेगी।

  इस संबंध में रिटर्निंग ऑफिसर पंचायत ममता ठाकुर से पक्ष जानने संचार माध्यम से संपर्क करने की कोशिश गई परंतु उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया।

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